मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्ति पर 48 घंटे में फैसला संभव

भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार शाम से शुरू हो जाएगी। देर रात तक नामांकन की अंतिम सूची भी जारी होने के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम भी सामने आ जाएगा। हालांकि एक से अधिक प्रत्याशी रहने पर बुधवार को चुनाव की प्रक्रिया होगी और उसके बाद नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो जाएगा। जानकारी के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होने की संभावना है। इसमें बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। हालांकि आधा दर्जन से अधिक लोग प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए दावेदार माने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के सामने राह आसान नहीं होगी। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बावजूद संगठनात्मक संतुलन अब तक पूरी तरह नहीं बन पाया है। नए प्रदेश अध्यक्ष को कई महत्वपूर्ण मोर्चों पर एक साथ काम करना होगा।
सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाना सबसे बड़ी चुनौती
प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के बाद से पार्टी संगठन और सरकार के बीच सहज समन्वय की कमी महसूस की जा रही है। नए अध्यक्ष को मुख्यमंत्री और सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ नीतिगत तालमेल बनाना होगा, ताकि दोनों एक दिशा में कार्य करें।
मंडल-निगमों में नियुक्तियों को लेकर कार्यकर्ताओं में असंतोष
सरकार गठन के डेढ़ साल बाद भी निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। कार्यकर्ताओं को लंबे समय से पद और जिम्मेदारियों का इंतजार है। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना होगा कि नियुक्तियों में क्षेत्रीय संतुलन, समाजिक प्रतिनिधित्व और पुरस्कार व निष्ठा का ध्यान रखा जाए। लगातार सक्रिय रहने वाले जमीनी कार्यकर्ता, जिन्होंने चुनाव में पार्टी को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई, उन्हें उचित सम्मान और भूमिका मिलना अपेक्षित है। यदि उन्हें दरकिनार किया गया, तो यह संगठन में अंदरूनी नाराजगी का कारण बन सकता है।
2026 नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारी
भविष्य की दृष्टि से नए प्रदेश अध्यक्ष को 2026 के नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए संगठन को मजबूत बूथ स्तर तक सक्रिय करना होगा। इससे पहले की गलतियों से सीख लेकर समावेशी रणनीति बनानी होगी। 2028 के विधानसभा चुनाव तक बड़ी संख्या में नए वोटर जुड़ेंगे। ऐसे में युवाओं के लिए पार्टी को आकर्षक कार्यक्रम और अभियान शुरू करने की ज़रूरत है। इसकी जिम्मेदारी भी संगठन प्रमुख के पास रहेगी।